पाकरटांड थाना क्षेत्र के नाबालिक बच्ची हुई मानव तस्करी के शिकार, एचटीयू थाना में किया गया शिकायत

पाकरटांड:पाकरटांड़ थाना क्षेत्र की नाबालिग बच्ची मानव तस्करी का शिकार हुई।इस कि जानकारी अगुस्टिना सोरेंग ने दी उन्होंने कहा कि पाकरटांङ थाना क्षेत्र की नाबालिग बच्ची जिसकी माँ की मृत्यु हो चुकी है एवं पिताजी भी अनाथ छोङ चुकें हैं उसको गुङगाँव में परिवार के सदस्य द्वारा बेचा गया है। मामले की जानकारी तब हुई जब बच्ची ने अपने परिजनों में से एक को छुपकर फोन किया और बताया कि वो गुङगाँव के किन्हीं के घर में बंधक की तरह काम करने को मजबूर है ।क्योंकि उसे यहाँ परिवार के सदस्य द्वारा बेचा गया है वो घर आना चाहती है पर उसे घर आने नहीं दिया जा रहा है एवं किसी से भी फोन पर भी बात नहीं करने दिया जाता है । इस संबंध में सामाजिक कार्यकर्त्ता अगुस्टीना सोरेंग को परिजनों ने मामले की जानकारी दी जिसपर परिजनों के साथ मिलकर अगुस्टीना ने एंटी ह्युमन ट्रैफिकिंग यूनिट सिमडेगा थाना में आवेदन देकर बच्ची को वापस लाने का निवेदन किया गया है।अगुस्टीना सोरेंग ने कहा कि जिले में मानव तस्करी का जो समस्या है इससे यह पता चलता है कि सामाजिक समरसता और सामूहिकता जैसी बुनियादी नींव कमजोर और जीर्ण हुए हैं। जिसपर इस केस में बच्ची को उनके नजदीक के परिवार सदस्यों ने बेचने का घिनौना कृत किया है इससे यह स्पष्ट होता है कि लङकियों को यहाँ पारिवारिक और सामाजिक रुप से क्या समझा जाता है।जिन बच्चों को सरंक्षण की ज्यादा जरुरत होती है अक्सर उन्हें ऐसे तरीकों से मानव तस्करी में धकेला जाता है जो दिखाता है कि कमजोर और दीनहीन जनों को सभी इस्तेमाल करना चाहते हैं जो यह दिखाता है कि समाज को ऐसे परिवारों के लिए कोई ज्यादा गहरी संवेदना नहीं है।गाँवों में संस्थाओं और महिला समूहों का जाल है , चाहे वो सरकारी या गैर सरकारी संस्थाएं हैं वो ऐसे परिवारों को समय रहते ट्रैक नहीं करते हैं ।सभी ऐसे संस्थाओं को संवेदनशीलता, इंसानियत और सक्रिय करने के लिए नए तरीकों की जरुरत है जिसे प्रशासन को ढूंढना चाहिए वरना शायद ही कभी सिमडेगा जिला मानव तस्करी के मामलों से निकल सके। ये एक सामूहिक प्रयास से रुकेगा जिसके लिए अभी तक जो काम हुएं हैं समयसमय पर विफल होते रहे हैं। अतः नए तरीकों की खोज और लङकियों के प्रति सम्मान और गरिमा की भावना लाने की कोशिश की जानी चाहिए। जो बिना संवाद और चर्चा के संभव नहीं है। हमने मंत्रियों को गुहार लगाया है कि प्रयास को मूत रुप दिया जाने के लिए सहयोग करें क्योंकि बिना राजनैतिक संकल्प के भी महिलाओं के इस तरह के समस्याओं का समाधान ढूंढना आसान नहीं है।

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